भूमि/राजस्व बंदोबस्त (Land/Revenue settlement)
भूमि/राजस्व बंदोबस्त (Land/Revenue settlement)
देश के विभिन्न भागों में अग्रेजी शासन की स्थापना के बाद उनके प्रशासन का गठन करने के लिए एक सर्वेक्षण किया गया। सरकार के हित की दृष्टि से प्रत्येक भूखंड मे उगाए जाने वाले राजस्व का निर्धारण करने का निर्णय लिया गया। यह भूखंड चाहे किसी किसान के अधिकार में या महल अथवा ‘राजस्व ग्राम’ या फिर किसी जमींदार के अधिकार में रहा हो। यह अधिकार चाहे स्वामित्वाधिकार रहा हो या फिर कर्षण अधिकार ही हो। इसी अधिकार के आधार पर राजस्वनिर्धारण को भू राजस्व व्यवस्था का बंदोबस्त कहा गया है। भारत में तीन प्रकार की राजस्व व्यवस्थाएँ लागू की गई थीं (क) स्थायी बंदोबस्त या जमींदारी व्यवस्था (ख) किसानों के साथ व्यक्तिगत आधार पर राजस्व निर्धारण रैयतवाड़ी व्यवस्था और (ग) पूरे राजस्व ग्राम से राजस्व व्यवस्था (महलवाड़ी व्यवस्था)।